तेहरान: इजरायल पर ईरान के हमले का खतरा है। लेकिन ईरान इजरायल पर हमला करने की जगह अपने एक पड़ोसी मुस्लिम देश पर हमला कर सकता है। द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स हमास नेता इस्माइल हानिया की हत्या पर की जाने वाली जवाबी कार्रवाई को लेकर असहमत हैं। रिपोर्ट के मुताबिक ईरानी राष्ट्रपति इजरायल के गुप्त ठिकानों को निशाना बनाना चाहते हैं। वहीं इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) इजरायल के अंदर तेल अवीव और अन्य हिस्सों पर हमला करना चाहता है। 2023 की एक रिपोर्ट के मुताबिक अजरबैजान ने इजरायल को ईरान के खिलाफ अपने एयरफील्ड को इस्तेमाल करने की इजाजत दी है।रिपोर्ट के मुताबिक ईरानी राष्ट्रपति इजरायल के साथ बड़े पैमाने पर युद्ध नहीं लड़ना चाहते इसलिए अजरबैजान गणराज्य या इराकी कुर्दिस्तान क्षेत्र के अंदर इजरायल से जुड़े किसी स्थान पर हमले का प्रस्ताव दिया है। राष्ट्रपति को युद्ध के परिणामों को लेकर डर है। नए राष्ट्रपति पूर्व ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की तुलना में अधिक उदारवादी माने जाते हैं। हमले को लेकर किसी भी तरह का निर्णय सुप्रीम लीडर अली खामनेई के पास है जो देश के कमांडर-इन-चीफ के रूप में कार्य करते हैं।
अजरबैजान पर हो सकता है हमला
ईरान ने पहले जनवरी में कई हमलों में इराकी कुर्दिस्तान में मोसाद के जासूसी ठिकानों को निशाना बनाया था, जिसमें एक स्थानीय करोड़पति और उसके परिवार के सदस्यों सहित कई नागरिक मारे गए थे। ईरान के हमले का वैकल्पिक लक्ष्य अजरबैजान हो सकता है। हमले से पहले अजरबैजान को चेतावनी देने की योजना है। टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान में इस समय वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। IRGC पेजेशकियान को कमजोर करने का प्रयास करते हुए अधिक आक्रामक कार्रवाई चाहता है।राष्ट्रपति को किस बात का डर?
रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति के एक करीबी सहयोगी ने टेलीग्राफ को बताया, 'राष्ट्रपति को डर है कि इजरायल पर सीधे हमले के गंभीर परिणाम होंगे। वह मानते हैं कि ईरान भाग्यशाली है कि ईरान पिछली बार इजरायल के साथ युद्ध में नहीं गया था और शायद इस बार भी नहीं।' सहयोगी ने कहा, 'IRGC अपने अपमान को कवर करने की जगह राष्ट्रपति के पद को कमजोर करने के बारे में सोच रहा है।' उन्होंने यह भी कहा कि हमास चीफ पर हमले को लेकर वह अपमानित नहीं महसूस करते क्योंकि यह हमला उनके शपथ लेने के कुछ घंटों बाद हुआ था। ऐसी रिपोर्ट्स भी है कि हिजबुल्लाह अकेले हमला कर सकता है। ईरान में कुछ लोग चाहते हैं कि हिजबुल्ला को लड़ाई लड़ने देना चाहिए। ईरान उन्हें बस हथियारों की सप्लाई करे।from https://ift.tt/u1JfkNi
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