नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) चुनाव की वोटिंग शुक्रवार शाम संपन्न हो गई। इसके साथ ही एबीवीपी, एनएसयूआई और लेफ्ट समर्थित छात्र संगठनों ने अपनी-अपनी जीत के दावे किए हैं। खास बात यह रही कि इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के छात्र संगठन 'छात्र युवा संघर्ष समिति' ने शिरकत ही नहीं की। उसने चुनावों में विश्वविद्यालय की ओर से की जा रही निगरानी को मुद्दा बनाया है। ताजा अपडेट के अनुसार, इस बार कुल 35.16 फीसदी वोटिंग हुई। इस बार कुल 145893 में से 51300 वोट ही पड़े। यह पिछले साल हुए DUSU चुनाव में हुए मतदान प्रतिशत से भी कम है। 2023 में तब 42.16% वोट डाले गए थे।
एबीवीपी को 4 सीटें जीतने की उम्मीदसंगठन से जुड़े छात्रों का मानना है कि इस चुनाव के लिए विश्वविद्यालय की ओर से समुचित निगरानी नहीं की जा रही थी। ऐसे ही आरोप-प्रत्यारोप के बीच दिल्ली की सत्ता पर काबिज आप दिल्ली विश्वविद्यालय की इस चुनावी दौड़ से पूरी तरह बाहर रही। चुनाव संपन्न होने के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने डूसू चुनाव में मताधिकार का प्रयोग करने वाले सभी छात्रों का धन्यवाद किया है। एबीवीपी को उम्मीद है कि उसे इस चुनाव में चारों सीटों पर जीत मिल सकती है। विद्यार्थी परिषद का कहना है कि छात्रों ने मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र की पहली सीढ़ी में अपनी भागीदारी की है।
विद्यार्थी परिषद ने लगाए एनएसयूआई पर आरोप विद्यार्थी परिषद ने आरोप लगाया कि मतदान की शुरुआत में ही एनएसयूआई के संयुक्त सचिव पद के प्रत्याशी ने प्रोफेसर के साथ मारपीट की। प्रोफेसरों के साथ अभद्रता की तथा बूथ कैप्चरिंग का प्रयास किया गया। उसका कहना है कि यह दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में अंकित हो गया है। चूंकि एनएसयूआई की हार तय हो गई है, इसलिए बौखलाहट में वह लगातार झूठे आरोप लगा कर बरगलाने का प्रयास कर रही है।
रिजल्ट हाई कोर्ट के निर्देश के बाददिल्ली यूनिवर्सिटी चुनाव के रिजल्ट को लेकर हालांकि सस्पेंस है। यह दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद ही जारी होगा। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मतगणना पर उस समय तक के लिए रोक लगा दी थी, जबतक कि पोस्टर, होर्डिंग, दीवारों पर लिखे नारे आदि समेत भवनों को विरूपित करने वाली सामग्री नहीं हटा दी जाती है। कोर्ट ने सरकारी संपत्तियों को उनके मूल रूप में लाने के आदेश दिए थे। इस विषय पर, डूसू चुनाव के पीठासीन अधिकारी राजेश सिंह ने कहा था कि नियमों का उल्लंघन करने वाले अधिकतर होर्डिंग, पोस्टर एवं बैनर हटा दिये गये हैं। हमने चुनाव लड़ रहे सभी प्रत्याशियों को बैठक के लिए बुलाया और उन्हें इन प्रचार सामग्री को हटाने का निर्देश दिया है।
साल दर साल वोटिंग प्रतिशत
साल |
वोटिंग प्रतिशत |
2024 |
35.16% |
2023 |
42.16% |
2019 |
39.9% |
2018 |
44.6% |
2017 |
42.8% |
2016 |
36.9% |
2015 |
43.9% |
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