जमुई: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने न्यायाधीश, वकील, डीएम, एसपी और दारोगा पर शराब पीने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बड़े शराब माफियाओं को पकड़ा नहीं जाता है और एक पाव पीने वालों को जेल भेज दिया जाता है। 'नागरिक अभिवादन सह शिक्षा सम्मान समारोह' में शामिल होने के लिए जीतन राम मांझी जमुई पहुंचे थे। यहां पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, 'जज, वकील, डीएम, एसपी और दारोगा सब पीते हैं शराब, जेल जाता है गरीब मजदूर।'
शराबबंदी पर मांझी ने उठाया सवाल
जमुई में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने बिहार में लागू शराबबंदी पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह नीति प्रभावी नहीं है। इससे सिर्फ मजदूर वर्ग ही प्रभावित हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बड़े शराब माफियाओं पर कोई कार्रवाई नहीं होती है, जबकि गरीब मजदूरों को पकड़कर जेल भेजा जा रहा है।'बिहार में शराबबंदी का कोई मतलब नहीं'
जीतन राम मांझी ने जमुई में एक सम्मान समारोह में कहा, 'बिहार में शराबबंदी का कोई मतलब नहीं है। बड़े-बड़े शराब तस्कर पकड़े नहीं जा रहे हैं। थाने में एसपी और दारोगा शराब पीते हैं।''रात में जज, कलेक्टर भी शराब पीते हैं'
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने आगे कहा, 'रात में जज, कलेक्टर भी शराब पीते हैं। लेकिन उन्हें कोई गिरफ्तार नहीं करता लेकिन मेहनत और मजदूरी करने वाले मजदूर पाव भर शराब पीने के आरोप में अरेस्ट हो जाते हैं। सिर्फ मजदूरों को ही जेल भेजा जा रहा है। जिसका खामियाजा मजदूरों के परिवारों को भुगतना पड़ता है। ये लोग रोज कमाते और रोज खाते हैं। घर का कमाऊ सदस्य के जेल जाने से परिवार पर खासा असर पड़ता है।'from https://ift.tt/9JVthHu
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