न्यूयॉर्क: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में मंगलवार को अपना आखिरी भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने मध्य पूर्व में जारी तनाव से लेकर भारत समेत दुनियाभर के देशों में हुए चुनावों का भी जिक्र किया। बाइडन ने अपने भाषण में चीन को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि वह इंडो पैसिफिक में गठबंधन और साझेदारों को मजबूत करना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका को दुनिया की मदद से पीछे नहीं हटना चाहिए। बाइडन ने लेबनान में इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच जारी तनाव के पूर्ण युद्ध में तब्दील होने के खतरे और गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ इजराइल के सैन्य अभियान के लगभग एक साल पूरे होने के बीच यह टिप्पणी की।
सूडान और रूस-यूक्रेन में शांति की अपील की
अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में पश्चिम एशिया में संघर्ष खत्म करने और सूडान में 17 महीने से जारी गृहयुद्ध का अंत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने फरवरी 2022 से रूस के आक्रमण का सामना कर रहे यूक्रेन के लिए अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगियों के पूर्ण समर्थन को रेखांकित किया। बाइडन ने कहा, "मैंने इतिहास में एक उल्लेखनीय बदलाव देखा है। मैं जानता हूं कि आज जब कई लोग दुनिया को देखते हैं तो उन्हें परेशानियां नजर आती हैं और वे निराशा के साथ प्रतिक्रिया करते हैं, लेकिन मैं ऐसा नहीं करता। जब दुनिया एक साथ काम करती है, तो हम जितना सोचते हैं, उससे कहीं ज्यादा मजबूत होते हैं।"भारत समेत दुनियाभर में हुए चुनावों का किया जिक्र
बाइडन ने कहा, ‘‘हमने घाना से लेकर भारत और दक्षिण कोरिया तक दुनिया भर के लोगों को शांतिपूर्वक अपना भविष्य चुनते देखा है। विश्व की एक-चौथाई आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले देश इस साल चुनाव करा रहे हैं।’’ अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में आखिरी बार संयुक्त राष्ट्र में अपने संबोधन में बाइडन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र की बैठक में कहा, ‘‘यह उल्लेखनीय है कि 1972 में अमेरिकी सीनेट के लिए पहली बार चुने जाने के बाद से यह लोगों की शक्ति ही है जो भविष्य के बारे में मुझे अधिक आशावादी बनाती है।’’बाइडन ने चीन को दिया कड़ा संदेश
बाइडन ने चीन को कड़ा संदेश देते हुए मंगलवार को विश्व नेताओं से कहा कि वाशिंगटन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने गठबंधनों और साझेदारियों के नेटवर्क को मजबूत करना जारी रखेगा। बाइडन ने स्पष्ट किया कि ये गठबंधन और साझेदारियां किसी देश के खिलाफ नहीं हैं, क्योंकि अमेरिका चीन के साथ प्रतिस्पर्धा का जिम्मेदारी से प्रबंधन करना चाहता है। बतौर अमेरिकी राष्ट्रपति संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के मंच से विश्व नेताओं को अपने आखिरी संबोधन में बाइडन ने कहा, “हमें अपने सिद्धांतों को भी बनाए रखने की आवश्यकता है, क्योंकि हम चीन के साथ प्रतिस्पर्धा का जिम्मेदारी से प्रबंधन करना चाहते हैं, ताकि यह संघर्ष में न तब्दील हो जाए।”इंडो-पैसिफिक में साझेदारों को मजबूत करने का लिया संकल्प
अमेरिकी राष्ट्रपति ने संरा महासभा के 79वें सत्र की आम बहस में कहा, “अमेरिका स्पष्ट रूप से अनुचित आर्थिक प्रतिस्पर्धा के खिलाफ है, वह दक्षिण चीन सागर में अन्य देशों पर सैन्य दबाव बनाने के खिलाफ है और ताइवान जलडमरूमध्य में शांति एवं स्थिरता बनाए रखने के पक्ष में है। अमेरिका अपनी सबसे उन्नत प्रौद्योगिकियों की रक्षा कर रहा है, ताकि इनका हमारे खिलाफ या हमारे किसी साझेदार के खिलाफ दुरुपयोग न किया जा सके।” उन्होंने कहा, “इसके साथ ही हम पूरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में गठबंधनों और साझेदारियों के अपने नेटवर्क को मजबूत करना जारी रखेंगे। ये गठबंधन और साझेदारियां किसी राष्ट्र के खिलाफ नहीं हैं। स्वतंत्र, खुले, सुरक्षित और शांतिपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थापना के लिए कई सहायक कारक मौजूद हैं।”from https://ift.tt/tHSqC3j
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