चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा अरेस्ट किए कांग्रेस के विधायक और सोनीपत से कैंडिडेट सुरेंद्र पंवार (Surender Panwar Sonipat) को जमानत मिल गई है। वह जेल में रहकर चुनाव लड़ रहे थे। उनके चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी बेटे और बहू समीक्षा ने संभाल रखी थी। पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने सुरेंद्र पंवार की गिरफ्तारी को अवैध बताया है। हाईकोर्ट ने सुरेंद्र पंवार के खिलाफ 25 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग केस को भी खारिज कर दिया है। ईडी ने अवैध खनन के मामले में कार्रवाई करते हुए पंवार को अरेस्ट किया था। इस सीट पर बीजेपी ने कांग्रेस के पूर्व नेता निखिल मदन को मुकाबले में उतारा है। ईडी ने सुरेंद्र पंवार को 20 जुलाई, 2024 को अरेस्ट किया था। कांग्रेस ने नहीं काटा था टिकट सुरेंद्र पंवार ने 2019 में तत्कालीन मंत्री कविता जैन को शिकस्त दी थी। कविता जैन 2009 और फिर 2014 में चुनाव जीती थीं। पिछले चुनाव में सुरेंद्र पंवार को यहां 79,438 वोट मिले थे और उन्होंने करीब 30 हजार वोटों के अंतर से कविता को हराया था। पहले सुरेंद्र पंवार आईएनएलडी में रह चुके हैं। 2014 में उन्होंने सोनीपत सीट पर चुनाव आईएनएलडी की टिकट से लड़ा था। तब वह इस सीट पर तीसरे स्थान पर रहे थे। कांग्रेस ने ईडी के द्वारा अरेस्ट किए जाने के बाद भी सुरेंद्र पवार का टिकट नहीं काटा था और उन्हें सोनीपत से उम्मीदवार घोषित किया था। पंवार जेल में थे उनके परिवार के सदस्य प्रचार कर रहे थे। ससुर को जिताने के लिए बहू समीक्षा वोट मांग रही थीं।
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