भुवनेश्वर: पुरी स्थित प्रसिद्ध मंदिर के नाम पर ओडिशा और छह अन्य राज्यों में करीब 60,822 एकड़ जमीन है। यह जानकारी ओडिशा के कानून मंत्री जगन्नाथ साराका ने विधानसभा में दी। सत्तारूढ़ (बीजद) के के सवाल पर लिखित जवाब देते हुए मंत्री ने बताया कि श्रीक्षेत्र पुरी के महाप्रभु जगन्नाथ जी के नाम पर ओडिशा के 30 में से 24 जिलों में 60,426.943 एकड़ जमीन की पहचान की गई है। भगवान जगन्नाथ की यात्रा देश के कई बड़े शहरों में निकाली जाती है। इसमें गुजरात समेत दूसरे राज्यों के कई प्रमुख शहर है। इन शहरों में भगवान जगन्नाथ के मंदिर भी हैं। अधिकार रिकॉर्ड भी हैं साराका ने बताया कि इनमें से श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने करीब 38,061.892 एकड़ जमीन के अंतिम अधिकार रिकॉर्ड (आरओआर) प्राप्त कर लिये हैं। साराका ने आगे कहा कि इसी प्रकार छह राज्यों में भगवान जगन्नाथ के नाम 395.252 एकड़ जमीन की पहचान की गई है। मंत्री ने बताया कि मंदिर प्रशासन ने पहले ही राज्य की विभिन्न तहसीलों में अतिक्रमण हटाने के लिए 974 मामले दाखिल किए हैं। उन्होंने बताया कि एसजेटीए अधिकारियों की उचित जांच के बाद श्री जगन्नाथ मंदिर अधिनियम 1955 के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज कराया गया है।विधानसभा में लगातार छठे दिन हंगामा की कार्यवाही बहुत सुचाऊ तरीके से नहीं चल पाई। विधानसभा में लगातार छठे दिन भी हंगामा देखने को मिला जिसकी वजह से विधानसभा अध्यक्ष प्रमिला मलिक को सदन की कार्यवाही शाम चार बजे तक स्थगित करनी पड़ी। सदन की कार्यवाही जैसे प्रश्नकाल के लिए शुरू हुई और मलिक आसन पर बैठीं वैसे ही विपक्षी बीजेपी के सदस्यों ने पार्टी के दो विधायकों मोहन माझी और मुकेश महालिंग को आसन पर ‘दाल’ फेंकने के आरोप में निलंबित करने के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। बीजद ने विधासभा सत्र से पहले राजस्व मंत्री प्रमिला मलिक को विधानसभा अध्यक्ष बनाया है।
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