बाकू: अजरबैजान ने दावा किया है कि अर्मेनियाई बलों ने रात भर उसके सैनिकों पर गोलीबारी की थी। इसके जवाब में अजरबैजान की सेना की ओर से भी गोलीबारी की गई। हालांकि, आर्मेनिया ने ऐसी किसी भी घटना से इनकार किया है। आर्मेनिया और अजरबैजान पिछले तीन दशकों से नागोर्नो-काराबाख के आर्मेनियाई आबादी वाले इलाके पर कब्जे के लिए दो युद्ध लड़ चुके हैं। इस बीच आर्मेनियाई प्रधानमंत्री निकोल पशिनियन ने कई विदेशी नेताओं को फोन कर ताजा मामले की जानकारी दी है।
अजरबैजान ने क्या कहा
अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि आर्मेनियाई सेना ने नखचिवन के उत्तर में सदराक में अजरबैजान के सैनिकों पर छोटे हथियारों से गोलीबारी की, जो अजरबैजान का एक क्षेत्र है। यह इलाका अर्मेनिया, तुर्की और ईरान की सीमा पर स्थित है। मंत्रालय के बयान में यह नहीं बताया गया कि इस गोलीबारी में क्या कोई हताहत हुआ था। आर्मेनिया के रक्षा मंत्रालय ने इस बात से इनकार किया कि उसकी सेना ने अजरबैजानी चौकियों पर गोलीबारी की थी।आर्मेनिया ने कई देशों को बताए हालात
अर्मेनियाई सरकार ने कहा कि प्रधानमंत्री पशिनियन ने शनिवार को फ्रांस, जर्मनी, पड़ोसी ईरान और जॉर्जिया के नेताओं और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ फोन पर बातचीत की। वहीं अजरबैजान ने कहा कि उसके विदेश मंत्री ने अमेरिकी विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी यूरी किम के साथ स्थिति पर चर्चा की है। पशिनियन ने फोन कॉल में कहा कि सीमा पर तनाव बढ़ रहा है और अजरबैजान वहां और नागोर्नो-काराबाख के आसपास सैनिकों को इकट्ठा कर रहा है। अजरबैजान ने आर्मेनिया पर भी ऐसा ही करने का आरोप लगाते हुए इसका खंडन किया है।आर्मेनियाई पीएम ने बातचीत का भेजा प्रस्ताव
आर्मेनियाई प्रधानमंत्री पशिनियन ने कहा कि वह तनाव कम करने के लिए अजरबैजानी राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव के साथ एक तत्काल बैठक करने के लिए तैयार हैं। लेकिन अलीयेव के विदेश नीति सलाहकार हिकमत हाजीयेव ने बताया कि उन्हें अजरबैजान से ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। इस बीच, अजरबैजान ने शनिवार को नागोर्नो-काराबाख में राष्ट्रपति चुनाव कराने की निंदा की, यह क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अजरबैजान के हिस्से के रूप में मान्यता प्राप्त है, लेकिन यहां लगभग 120,000 जातीय अर्मेनियाई लोग रहते हैं।अमेरिका के साथ युद्धाभ्यास करेगा आर्मेनिया
आर्मेनिया और अमेरिका अगले हफ्ते सैन्य अभअयास करने वाले हैं। अमेरिकी सेना ने बयान जारी कर कहा कि उसके 85 सैनिक अगले हफ्ते आर्मेनियाई सैनिकों को ट्रेनिंग देने के लिए येरवेन का दौरा करेंगे। यह आर्मेनिया और अमेरिका के बीच पहला युद्धाभ्यास होगा। आर्मेनिया पूर्व सोवियत देश है, जो अब तक अपनी रक्षा के लिए रूस पर निर्भर था। 2020 में नागोर्नो काराबाख को लेकर हुए युद्ध के बाद आर्मेनिया ने अमेरिका के साथ नजदीकियां बढ़ानी शुरू कर दी थी। पिछले साल अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी आर्मेनिया के दौरे पर पहुंची थीं।रूस ने आर्मेनिया राजदूत को किया तलब
रूसी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को अमेरिका के साथ आगामी संयुक्त सैन्य अभ्यास और अन्य शिकायतों का विरोध करने के लिए लंबे समय से सहयोगी आर्मेनिया के राजदूत को तलब किया। इसने रूस और आर्मेनिया में बढ़ते तनाव की पुष्टि की जो कभी घनिष्ठ सहयोगी हुआ करते थे। रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि आर्मेनिया के नेतृत्व ने हाल के दिनों में कई अमित्र कदम उठाए हैं। मंत्रालय ने सोमवार से शुरू होने वाले अभ्यासों का हवाला देते हुए आर्मेनिया द्वारा यूक्रेन को मानवीय सहायता प्रदान करना और रोम संधि की मंजूरी देने के फैसले की आलोचना की।from https://ift.tt/IkWDQud
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