गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश हाउसिंग बोर्ड गाजियाबाद की वसुंधरा टाउनशिप में 80 एकड़ भूमि पर मल्टी-मॉडल विकसित करने की योजना बना रहा है। हब रैपिडएक्स ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) जोन में स्थित होगा। साथ ही रैपिडएक्स कॉरिडोर और वैशाली मेट्रो स्टेशन से कनेक्ट होगा। हाउसिंग बोर्ड का लक्ष्य फ्लोर एरिया अनुपात (एफएआर) को 5 तक बढ़ाना है। साथ ही आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक विकास की अनुमति देने के लिए भूमि को 'मिश्रित उपयोग' श्रेणी के तहत लाना है। निजी डेवलपर्स ने परियोजना में रुचि दिखाई है और एक बार मंजूरी मिलने के बाद डेवलपर का चयन करने के लिए बोलियां बुलाई जाएंगी।वसुंधरा टाउनशिप के सेक्टर-7 और 8 में 80 एकड़ भूमि के पार्सल पर मल्टी-मॉडल ट्रांजिट हब विकसित की योजना बनाई गई है। हाउसिंग बोर्ड के मुख्य वास्तुकार और टाउन प्लानर संजीव कश्यप ने कहा कि ये हब न केवल रैपिडएक्स कॉरिडोर के पास होगा, बल्कि दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन पर वैशाली मेट्रो स्टेशन भी इन सेक्टरों से 3 किमी से कम दूरी पर होगी। दोनों सेक्टर हिंडन एलिवेटेड रोड और मदन मोहन मालवीय रोड से भी जुड़े रहेंगे, जोकि शहर की दो प्रमुख सड़कें हैं। एक सर्वे किया जाएगा, जिसमें ये देखा जाएगा कि क्या एलिवेटेड रोड सेक्टर 7 को रैंप के माध्यम से सीधे जोड़ सकता है या नहीं। साथ ही ट्रासपोर्ट्स के विभिन्न तरीकों से जोड़ने के लिए बारे में भी देखा जाएगा। सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए एक एक शानदार मल्टी-मॉडल ट्रांजिट हब की योजना तैयार की गई है। वहीं, राज्य सरकार की नीति के अनुसार, 1.5 किमी के दायरे में रैपिडएक्स कॉरिडोर आ रहे हैं। 500 मीटर के दायरे में मेट्रो, नियो मेट्रो, मेट्रो लाइट और बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) जैसी इंट्रा-सिटी मास ट्रांजिट परियोजनाएं हैं। ये सभी टीओडी क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। कश्यप ने कहा कि वसुंधरा के अन्य क्षेत्रों अपेक्षा पिछले कुछ वर्षों में यहां पर काफी विकास हुआ है। हाउसिंग बोर्ड ने 661.72 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने के लिए फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) को बढ़ाकर 5 करने का प्रस्ताव दिया है। इस समय वसुंधरा टाउनशिप में एफएआर 1.5 और 4 के बीच है। हाउसिंग बोर्ड इस भूमि को मिश्रित उपयोग श्रेणी में लाने की योजना बना रहा है, जिसमें आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक इकाइयां शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि हाल ही में एक बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें निजी डेवलपर्स के साथ चर्चा की गई थी कि किस तरह से 80 एकड़ को विकसित किया जा सके। हमने शुरुआत में 10 एकड़ को विकसित करने का प्रस्ताव रखा था। प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद डेवलपर्स के चयन के लिए बोलियां बुलाई जाएंगी।
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