सिंगापुर: सिंगापुर को एक बार फिर भारतवंशी राष्ट्रपति मिला है। भारतीय मूल के पूर्व मंत्री थरमन शणमुगारत्नम ने सिंगापुर के राष्ट्रपति का चुनाव जीत लिया है। शणमुगारत्नम सिंगापुर के नौवें राष्ट्रपति बनेंगे। उन्होंनें चुनाव में 70.4 प्रतिशत वोट के साथ बड़ी जीत हासिल की। उनके प्रतिद्वंदियों सिंगापुर इन्वेस्टमेंट कॉर्प के पूर्व मुख्य निवेश अधिकारी एनजी कोक सॉन्ग को 15.72 फीसदी और सरकारी स्वामित्व वाले बीमा समूह NTUC इनकम के पूर्व प्रमुख टैन किन लियान को 13.88 प्रतिशत वोट मिले। सिंगापुर में 2011 के बाद हो रहे पहले राष्ट्रपति चुनाव के लिए शुक्रवार को मतदान खत्म होने के बाद नतीजों का ऐलान किया गया है। थरमन शणमुगारत्नम वर्तमान राष्ट्रपति हलीमा याकूब की जगह लेगें। हलीमा के पिता भारतीय मूल के थे और मां मलय मूल की थीं।
सिंगापुर में राष्ट्रपति का पद रस्मी
सिंगापुर में राष्ट्रपति पद रस्मी ज्यादा है। उसके पास आम लोगों के लिए काम करने की ज्यादा ताकत नहीं है। भारतवंशी 66 वर्षीय अर्थशास्त्री शणमुगारत्नम ने देश की संस्कृति को दुनिया में रोशन बनाए रखने के संकल्प के साथ पिछले महीने औपचारिक रूप से राष्ट्रपति पद के लिए अपना अभियान शुरू किया था। राजनीति में 2001 में आए शणमुगारत्नम ने दो दशक से अधिक समय तक सत्तारूढ़ पीपल्स एक्शन पार्टी (पीएपी) के साथ सार्वजनिक क्षेत्र, और मंत्री पदों पर भी काम किया है। वह 2011-2019 के बीच सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री के रूप में काम कर चुके हैं।हलीमा याकूब की जगह लेंगे शणमुगारत्नम
निवर्तमान राष्ट्रपति हलीमा याकूब का 6 वर्ष का कार्यकाल 13 सितंबर को खत्म हो रहा है। वह देश की 8वीं राष्ट्रपति हैं और इस पद पर पहुंचने वाली पहली महिला हैं। सिंगापुर में 2017 के राष्ट्रपति चुनाव में सिर्फ मलय समुदाय के सदस्यों को चुनाव लड़ने की अनुमति थी। उस दौरान हलीमा को राष्ट्रपति नामित किया गया था, क्योंकि कोई अन्य उम्मीदवार नहीं था। सिंगापुर में 2011 के बाद यह पहला राष्ट्रपति चुनाव है।from https://ift.tt/ctQusFU
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