बर्लिन: जर्मन विदेश मंत्री ने शुक्रवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को तानाशाह करार दिया। उन्होंने कहा कि जर्मन सरकार यूक्रेन के लिए अपने समर्थन को हर हाल में जारी रखेगी। बेयरबॉक ने यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस का समर्थन करने पर चीन के प्रति अपने गुस्से का इजहार किया। उनके इस बयान पर चीन का बौखलाना तय माना जा रहा है। चीन और जर्मनी में पहले ही व्यापार को लेकर तनाव है। हाल में ही यूरोपीय संघ ने भी चीनी कंपनियों के खिलाफ जांच का ऐलान किया है। ऐसे में चीन जर्मन विदेश मंत्री पर प्रतिबंध भी लगा सकता है।
बेयरबॉक ने जिनपिंग को तानाशाह क्यों कहा
बेयरबॉक से अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में पूछा गया कि बर्लिन में सरकार यूक्रेन के खिलाफ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के युद्ध के अंत को कैसे देखती है। इस पर उन्होंने कहा कि "जब तक समय लगेगा, हम यूक्रेन का समर्थन करेंगे। अगर पुतिन यह युद्ध जीत जाते हैं, तो यह दुनिया के अन्य तानाशाहों, जैसे शी, चीनी राष्ट्रपति के लिए क्या संकेत होता? इसलिए, यूक्रेन को यह युद्ध जीतना होगा।"बेयरबॉक ने चीन से पंगा क्यों लिया
बेयरबॉक का यह बयान चीन और यूरोपीय यूनियन के बीच हालिया व्यापार तनाव के बाद आई है। यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने इस हफ्ते कहा था कि यूरोपीय संघ के अधिकारी चीनी इलेक्ट्रिक वाहन सब्सिडी की जांच शुरू करेंगे। चीन के प्रति जर्मनी के दोहरे दृष्टिकोण के बावजूद बेयरबॉक की अपनी ग्रीन पार्टी बीजिंग के प्रति अधिक कड़ा रूख रखती है। ग्रीन पार्टी ने पहले भी चीन को बड़ा खतरा करार दिया है।बाइडन भी जिनपिंग को बता चुके हैं तानाशाह
राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी पिछली गर्मियों में चीनी जासूसी गुब्बारे के बारे में बोलते हुए शी जिनपिंग को तानाशाह करार दिया था। हालांकि, अमेरिका ने बाद में चीनी गुब्बारे को मार गिराया था। बाइडन ने कैलिफोर्निया में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था, ''जब मैंने उस गुब्बारे को जासूसी उपकरणों से भरे दो बॉक्सों के साथ मार गिराया, तो शी जिनपिंग बहुत परेशान हो गए। तानाशाहों के लिए यह बहुत शर्मिंदगी की बात है। जब उन्हें पता ही नहीं था कि क्या हुआ है। उन्हें वहां नहीं जाना चाहिए था, जहां वो गए थे। इसे उड़ा दिया गया।''from https://ift.tt/aGLntwk
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