Monday, May 20, 2024

अपने अफसरों के खिलाफ ऐक्शन... करप्शन पर सीबीआई की जीरो टॉलरेंस नीति, क्या मामला है?

नई दिल्ली: भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत सीबीआई ने अपने ही अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। सीबीआई ने बताया कि सीबीआई ने मध्यप्रदेश में कुछ अपने ही अधिकारियों, राज्य के नर्सिंग कॉलेजों के अधिकारियों और पटवारियों की कथित मिलीभगत से चल रहे एक षड्यंत्र का पर्दाफाश किया। सीबीआई ने बताया कि सीबीआई भोपाल की एसीबी टीम ने हाई कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए राज्यव्यापी निरीक्षण करने के लिए सात कोर टीमें और तीन-चार सहायक टीमें बनाई थी। इन टीमों में CBI के अधिकारी, MP के नर्सिंग कॉलेजों द्वारा नामित अधिकारी और पटवारी शामिल थे। इन जांच का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि नर्सिंग कॉलेज बुनियादी ढांचे और संकाय के मामले में नर्सिंग कॉलेजों के लिए निर्धारित मानदंडों और मानकों को पूरा करते हैं।

10 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

सीबीआई ने बताया कि जांच में सामने आया कि विभिन्न टीमों द्वारा किए जा रहे निरीक्षणों की निगरानी के दौरान एक सहायक टीम के अधिकारियों, जिनमें CBI के इंस्पेक्टर राहुल राज शामिल थे। इन्हें कथित रूप से भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल पाया गया। यह देखा गया कि वह रिश्वत लेकर अनुकूल निरीक्षण रिपोर्ट दे रहे थे। यह रिश्वत बिचौलियों के माध्यम से ली जा रही थी। CBI ने तुरंत कार्रवाई की और इंस्पेक्टर राहुल राज, 3 अन्य CBI अधिकारियों और बिचौलियों समेत 23 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। सीबीआई का आरोप है कि शनिवार को इंस्पेक्टर राहुल राज को एक अनिल भास्करन और उनकी पत्नी से कथित रूप से 10 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।

सीबीआई ने कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए

इस कार्रवाई के बाद CBI नई दिल्ली ने भोपाल, इंदौर, रतलाम और जयपुर में 31 ठिकानों पर छापेमारी की। इसमें 2.33 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी, 4 गोल्ड बार, 36 डिजिटल डिवाइस और 150 से अधिक आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए। सीबीआई ने बताया कि इस मामले में CBI के इंस्पेक्टर राहुल राज, CBI से जुड़े MP पुलिस के इंस्पेक्टर सुशील कुमार मजोका , टाउट्स के रूप में काम करने वाले ओम गोस्वामी, रवि भदौरिया, जुगल किशोर और तीन महिलाओं समेत 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से सभी आरोपियों को 29 मई तक के लिए CBI की हिरासत में भेज दिया गया है। CBI ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई भी शुरू कर दी है।


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