जयपुर: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए की ओर से रविवार 5 मई को देश के 571 शहरों में नीट 2024 का एग्जाम लिया गया। 14 विदेशी शहरों में भी परीक्षा केंद्र बनाए गए। इस परीक्षा के बाद देश के अलग अलग राज्यों में पेपर लीक की खबरें सोशल मीडिया के जरिए सामने आई। सोशल मीडिया पर ये खबरें तेजी से वायरल हो रही है। इसी बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी अपनी प्रतिक्रिया दे दी है। कांग्रेसी नेताओं ने पेपर लीक के लिए केंद्र की मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहरा दिया। साथ ही ऐसी गारंटी दी कि अगर देश में कांग्रेस की सरकार बनेगी तो पेपर लीक की घटनाओं पर अंकुश लगाया जाएगा।
23 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं के सपनों के साथ धोखा - राहुल गांधी
राहुल गांधी ने नीट पेपर लीक की खबरों के बाद अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए अपनी प्रतिक्रिया दी है। राहुल गांधी ने लिखा कि 'NEET परीक्षा का पेपर लीक होने की खबर 23 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं और उनके परिवारों के सपनों के साथ धोखा है।' आगे उन्होंने लिखा कि '12 वीं पास कर कॉलेज में दाखिले का सपना संजोए छात्र हों या सरकारी नौकरी के लिए संघर्ष कर रहे होनहार युवा, हर किसी के लिये मोदी सरकार अभिशाप बन चुकी है। 10 वर्षों से भाजपा सरकार के निकम्मेपन की कीमत अपने भविष्य की बर्बादी से चुका रहा युवा और उसका परिवार अब समझ चुका है कि ज़ुबान चलाने और सरकार चलाने में फर्क होता है। कांग्रेस ने सख्त कानून बनाकर युवाओं को पेपर लीक से मुक्ति दिलाने का संकल्प लिया है। छात्रों को स्वस्थ और पारदर्शी माहौल हमारी गारंटी है।'कांग्रेस की सरकार बनी तो राष्ट्रीय स्तर पर कड़ा कानून बनेगा - गहलोत
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी नीट पेपर लीक से जुड़ी खबरों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने राहुल गांधी की पोस्ट को टैग करते हुए लिखा कि 'पेपर लीक माफिया पूरे देश में सक्रिय है। भाजपा सरकार की लापरवाही एवं कार्रवाई की मंशा ना होने के कारण 10 साल में पेपर लीक माफिया देशभर में मजबूती से फैल गया है। इससे करोड़ों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ है।' गहलोत ने आगे लिखा कि 'राजस्थान में हमारी सरकार ने पेपर लीक को रोकने के लिए उम्रकैद तक की सजा का कठोर कानून बनाया था। कांग्रेस की गारंटी है कि केंद्र में सरकार बनने पर पेपर लीक के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर कड़ा कानून बनाया जाएगा।'एनटीए ने किया पेपर लीक होने से इनकार
पेपर लीक की खबरें वायरल होने के बाद सोमवार 6 मई की दोपहर को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई। इस प्रेस विज्ञप्ति में सोशल मीडिया पर चल रही खबरों का गलत करार दिया गया। एनटीए की वरिष्ठ निदेशक डॉ. साधना पराशर ने कहा कि सोशल मीडिया पर चल रही पेपर लीक की खबरें निराधार और सच्चाई से परे है। सभी परीक्षा केंद्रों के गेट बंद होने के बाद किसी भी बाहरी व्यक्ति को परीक्षा कक्षों में प्रवेश नहीं दिया है, जिन पर CCTV से निगरानी भी की जा रही थी। जहां कहीं डमी अभ्यर्थी के मामले सामने आए हैं। ऐसे मामलों की जांच की जा रही है। अगर कोई अभ्यर्थी डमी अभ्यर्थी से परीक्षा दिलाता पाया गया तो भविष्य में वह एनटीए की ओर से आयोजित परीक्षाओं में शामिल नहीं हो सकेगा।मेडिकल अध्ययन के लिए एंट्रेंस एग्जाम है नीट
एनटीए की ओर से हर साल नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (एनईईटी) का आयोजन कराया जाता है। यह किसी नौकरी के लिए भर्ती परीक्षा नहीं है बल्कि मेडिकल के विभिन्न कोर्स में दाखिले की पात्रता परीक्षा है। देश भर के मेडिकल, डेंटल, आयुष और नर्सिंग कॉलेजों में संचालित होने वाले विभिन्न बैचलर डिग्री कोर्सेस जैसे MBBS, BDS, BAMS, BHMC, BYNS, BSMS, BSc Nursing इत्यादि में प्रवेश नीट के जरिए ही होता है। इस साल नीट परीक्षा के लिए 24 लाख से अधिक अभ्यर्थी पंजीकृत थे।from https://ift.tt/utlOc37
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