छतरपुर: मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री का रविवार को निधन हो गया। बुंदेलखंड की राजनीति में खासा दखल रखने वाले दलित नेता रामदयाल अहरिवार लंबे समय से बीमार थे। दिवंगत नेता रामदयाल अहिरवार के निधन के बाद बीजेपी का कोई बड़ा नेता उनके आवास पर नहीं पहुंचा। परिजनों ने बताया कि सरकार की तरफ से भी उपलब्ध नहीं कराया गया। का आज लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया है। परिजनों ने कहा कि छतरपुर जिला मुख्यालय से महाराजपुर अपने गृहनगर 22 किलोमीटर जाने के लिए 2200 रुपये में शव वाहन करना पड़ा।रामदयाल अहिरवार मध्य प्रदेश सरकार में दो बार मंत्री रहे। 6 बार विधायक चुने गए। रामदयाल अहिरवार एमपी में बीजेपी के लिए बड़े दलित चेहरा थे। उन्होंने अपने छोटे बेटे के घर में अंतिम सांस ली। दुःख की इस घड़ी में परिजनों का आरोप है कि बीजेपी का दलितों के लिए जो दोहरा चरित्र है वो उजागर हुआ है। महाराजपुर विधानसभा सीट से 6 बार बने विधायकरामदयाल अहिरवार, छतरपुर जिले की महाराजपुर विधानसभा सीट से 6 बार विधायक रहे। रामदयाल अहिरवार, दो बार मंडी अध्यक्ष और नगर पंचायत महाराजपुर के भी अध्यक्ष रह चुके थे। छतरपुर की राजनीति में रामदयाल अहिरवार की इमेज एक सभ्य और मिलनसार नेता के रूप में थी। रामदयाल अहिरवार के पुत्रों और बहू ने दो टूक कहा कि भाजपा के पदाधिकारी और सरकार बेहद लापरवाह है। दु:ख की इस घड़ी में वह उनके साथ नहीं है। जबकि मेरे पिता ने जनसंघ से लेकर बीजेपी संगठन को खड़ा करने में योगदान दिया। परिजनों ने लगाया आरोपपरिजनों ने बताया कि शव को महाराजपुर में अंत्येष्टि के लिए पहुंचाया जाना था। जिसके लिये उन्हें प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली। उनके शव और डी फ्रीजर रखा गया। वहीं, बीजेपी के वरिष्ठ नेता के निधन की खबर और कथित जानकारी लगाने पर छतरपुर विधायक आलोक चतुर्वेदी और बुंदेलखण्ड क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी की सीनियर नेता दीप्ति पांडे ने बीजेपी के दोहरे रवैया पर आरोप लगाया।वहीं, इस मामले में बीजेपी के जिला अध्यक्ष मलखान सिंह का कहना है की वह अपने गांव में थे। जानकारी मिलते ही वो पार्टी कार्यालय पर पहुंचे और बीजेपी के सभी नेताओं को जानकारी दी गई।
from https://ift.tt/LAef5FB
No comments:
Post a Comment