नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों को आड़े हाथों लिया। पीएम मोदी ने कहा, 'विपक्ष के लिए देश से बड़ा दल है, इन्हें गरीब की भूख की चिंता नहीं बल्कि सत्ता की भूख ही दिमाग पर सवार है।' उन्होंने कहा कि इस अविश्वास प्रस्ताव से तय हो गया है कि जनता 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और राजग को पहले के सारे रिकॉर्ड तोड़कर बहुमत देगी। पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर सबसे ज्यादा तंज कसे। पीएम मोदी ने कहा कि 'कल इस सदन में दिल से बात करने की बात भी कही गई थी, उनके दिमाग के हाल को तो देश लंबे समय से जानता है। लेकिन अब उनके दिल का भी पता चल गया।'पीएम मोदी ने राहुल पर निशाना साधते हुए कहा कि 'कल लोग कह रहे थे कि हनुमान को लंका नहीं उनके (रावण) घमंड ने जलाया था, शायद इसीलिए कांग्रेस 400 से 40 हो गई। उन्होंने कहा कि 'ये लोग मोहब्बत की दुकान का प्रचार करते हैं, लेकिन जनता कह रही है ये है लूट की दुकान, झूठ का बाजार है, इसमें नफरत है घोटाले हैं तुष्टिकरण हैं मन काले हैं, नफरत की दुकान वालों तुमने सेना का सम्मान बेचा है।' पीएम ने राहुल पर हमला करते हुए कहा, 'मैं कांग्रेस की परेशानी समझ सकता हूं। वर्षों से वे बार-बार एक असफल उत्पाद लॉन्च करते रहे हैं। हर बार लॉन्चिंग फेल हो जाती है। नतीजा यह है कि मतदाताओं के प्रति उनकी नफरत चरम पर पहुंच गई है। लॉन्चिंग विफल हो जाती है और वे मतदाताओं के प्रति घृणा रखते हैं। लेकिन पीआर वाले मोहब्बत की दुकान का प्रचार करते हैं। इसीलिए देश की जनता कह रही है, ये है लूट की दुकान, झूठ का बाजार। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, ‘कांग्रेस को परिवारवाद पसंद है, कांग्रेस को दरबारवाद पसंद है। जहां बड़े लोग, उनके बेटे-बेटियां भी बड़े पदों पर काबिज हों। यही उनकी कार्यशैली रही है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं विपक्ष के साथियों से कहना चाहता हूं कि आप जिसके पीछे चल रहे हैं, उसके अंदर तो इस देश की जुबान और संस्कार की समझ ही नहीं बची है। पीढ़ी दर पीढ़ी ये लोग लाल मिर्च और हरी मिर्च का फर्क ही नहीं समझ पाए हैं।’ विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘ये इंडिया गठबंधन नहीं बल्कि घमण्डिया गठबंधन है और इसकी बारात में हर कोई दूल्हा बनना चाहता है, सबको प्रधानमंत्री बनना है।’ उन्होंने कहा कि ये ‘घमण्डिया’ गठबंधन देश में परिवारवाद की राजनीति का सबसे बड़ा प्रतिबिंब है। मोदी ने कहा कि देश के स्वाधीनता सेनानियों ने एवं संविधान निर्माताओं ने हमेशा परिवारवादी राजनीति का विरोध किया था। विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘अभी हालात ऐसे हैं, इसीलिए हाथों में हाथ। जहां हालात बदले, फिर छुरियां भी निकलेंगी।’
मोदी सरकार के खिलाफ दूसरा अविश्वास प्रस्ताव भी रहा विफल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 9 वर्षों के अपने अब तक के कार्यकाल में दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव का सामना किया। यह अविश्वास प्रस्ताव भी विफल रहा जिसका पहले से अनुमान था। मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए इस प्रस्ताव को लोकसभा ने ध्वनिमत से खारिज किया। इस पर मतदान नहीं हुआ क्योंकि विपक्ष प्रधानमंत्री मोदी के जवाब देने के समय ही सदन से बहिर्गमन कर गया था। इससे पहले, जुलाई, 2018 में मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाया था। इस अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में सिर्फ 126 वोट पड़े थे, जबकि इसके खिलाफ 325 सांसदों ने वोट दिया था।इस बार भी अविश्वास प्रस्ताव का भविष्य पहले से तय था क्योंकि संख्या बल स्पष्ट रूप से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पक्ष में है और निचले सदन में विपक्षी दलों के 150 से कम सदस्य हैं। लेकिन उनकी दलील थी कि वे चर्चा के दौरान मणिपुर मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए धारणा से जुड़ी लड़ाई में सरकार को मात देने में सफल रहेंगे।from https://ift.tt/G4pUBO5
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