Thursday, August 10, 2023

कहां है वो कच्चातिवु द्वीप जिसे भारत ने श्रीलंका को दे दिया था, जानें पीएम मोदी ने क्यों किया जिक्र

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के विभाजन के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। पीएम मोदी विपक्ष की तरफ से पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब दे रहे थे। पीएम मोदी ने लोकसभा में कहा कि इंदिरा गांधी की सरकार ने 1974 में कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका के सुपुर्द किया था। उन्होंने सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि तमिलनाडु की द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार उन्हें पत्र लिखकर कच्चातिवु द्वीप वापस लेने का आग्रह करती है।

कच्चातिवु द्वीप कहां है?

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कच्चातिवु तमिलनाडु और श्रीलंका के बीच एक द्वीप है। किसी ने तो इसे दूसरे देश को दे दिया। यह इंदिरा गांधी के नेतृत्व में हुआ।उन्होंने सवाल किया कि क्या मां भारती का वह अंश वहां नहीं था? भारत के दक्षिणी छोर और श्रीलंका के बीच यह एक छोटा सा द्वीप है। इसका नाम कच्चातीवु द्वीप है। श्रीलंका और रामेश्वरम (भारत) के बीच यह द्वीप स्थित है। इंदिरा गांधी की सरकार के समय इस द्वीप को श्रीलंका को दे दिया गया था। अब इस द्वीप को श्रीलंका से वापस लेने की मांग उठ रही है। यह द्वीप क्यों भारत के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है। इस द्वीप का इस्तेमाल पारंपरिक रूप से श्रीलंका के तमिलों और तमिलनाडु के मछुआरे करते रहे हैं।

1974 में हुआ था समझौता

भारत ने 1974 में एक सशर्त समझौते के तहत यह द्वीप श्रीलंका को सौंप दिया था। 1974 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने श्रीलंका की राष्ट्रपति श्रीमावो भंडारनायके के साथ एक समझौते पर साइन किए थे। इसके बाद से ही यह द्वीप कच्चातीवु श्रीलंका का हो गया था। हालांकि, 1991 में तमिलनाडु विधानसभा ने प्रस्ताव पास किया थ। इसमें इस द्वीप को वापस लेने की मांग की गई। 2008 में तत्कालीन सीएम जयललिता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में कच्चातीवु द्वीप को लेकर हुए समझौते को अमान्य घोषित करने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि श्रीलंका को कच्चातीवु गिफ्ट में देना असंवैधानिक है।


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