Thursday, August 10, 2023

राहुल गांधी की सजा बरकरार रखने वाले गुजरात हाई कोर्ट के जस्टिस प्रच्छक का तबादला, कॉलेजियम का फैसला

अहमदाबाद/नई दिल्ली: की कॉलेजियम ने की सुनवाई करने वाले गुजरात हाई कोर्ट के जस्टिस हेमंत एम प्रच्छह तबादला कर दिया है। कॉलेजियम ने प्रच्छक के अलावा गुजरात हाई कोर्ट के तीन अन्य जस्टिस का भी तबादला किया है। सूरत कोर्ट से मोदी सरनेम मानहानि केस में सजा मिलने के बाद राहुल गांधी सूरत की सेशन कोर्ट में गए थे। वहां से राहत नहीं मिलने पर राहुल गांधी ने हाई कोर्ट का रुख किया था। हाई कोर्ट में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने की मांग वाली अपील पर जस्टिस हेमंत एम प्रच्छक ने सुनवाई की थी। जस्टिस प्रच्छह ने सुनवाई पूरी होने के 66 दिन के बाद फैसला सुनाया था। इसमें उन्होंने सजा पर रोक लगाने की मांग को खारिज कर दिया था। जस्टिस प्रच्छक ने अपने फैसले में निचली कोर्ट के फैसले को सही ठहराया था। सुप्रीम कोर्ट ने जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राहत दी थी। तो हाई कोर्ट के फैसले को लेकर टिप्पणी भी की थी। अब सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने गुजरात हाई कोर्ट के चार जस्टिस के तबादले की सिफारिश की है। इनमें जस्टिस हेमंत एम प्रच्छक का नाम भी शामिल है। कॉलेजियम ने प्रच्छक का तबादला पटना हाईकोर्ट किया है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली कॉलेजियम ने निम्न जजों की तबादला किया है।
क्र. सं. जस्टिस क नाम मौजूदा हाई कोर्ट नई तैनाती
1 विवेक कुमार सिंह इलाहाबाद मद्रास
2 अल्पेश वाई कोगजे गुजरात इलाहाबाद
3 कुमारी गीता गोपी गुजरात मद्रास
4 हेमंत एम प्रच्छक गुजरात पटना
5 समीर जे दवे गुजरात राजस्थान
6 अरविंद सिंह सांगवान पंजाब एंड हरियाणा इलाहाबाद
7 अवनीश क्षिंगन पंजाब एंड हरियाणा गुजरात
8 राजमोहन सिंह पंजाब एंड हरियाणा मध्य प्रदेश
9 अरुण माेंगा पंजाब एंड हरियाणा राजस्थान
कौन हैं जस्टिस हेमंत एम प्रच्छक?4 जून, 1965 को गुजरात के पोरबंदर में पैदा हुए हेमंत एम प्रच्छक 18 अक्तूबर, 2021 में गुजरात हाई कोर्ट के जस्टिस बने थे। पोरबंदर में शुरूआती पढ़ाई पूरी करने के बाद आगे की पढ़ाई भी उन्होंने पोबंदर में ही हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने गुजरात हाईकोर्ट के वकालत शुरू कर दी। सालों की प्रैक्टिस के बाद उन्होंने 2002 से लेकर 2007 तक सहायक सरकारी वकील और अतरिक्त सरकारी वकील के तौर पर काम किया। इसके बाद हेमंत एम प्रच्छक ने 2015 से लेकर 2019 तक केंद्र सरकार के केंद्र सरकार के स्थायी वकील के तौर काम किया। इसके बाद बार 18 अक्तूबर, 2021 को वे हाईकोर्ट के न्यायाधीश बने। इसके बाद इस साल उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी बहुचर्चित मामले पर सुनवाई की थी और कोर्ट समर वेकेशन के लिए बंद होने का हवाल देकर निर्णय सुरक्षित कर लिया था। इसके बाद उन्होंने 66 दिन फैसला सुनाया था।


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