जयपुर : 2021 की परीक्षा में जमकर धांधली हुई लेकिन पूर्ववर्ती सरकार ने पेपरलीक नहीं माना और भर्ती प्रक्रिया को पूरा किया। भर्ती प्रक्रिया पूरी होने से दर्जनों ऐसे अभ्यर्थियों का चयन हो गया जिन्होंने पेपर लीक माफियाओं से पेपर खरीद कर पढा और अच्छे अंकों से लिखित परीक्षा पास की। प्रदेश में सरकार बदलने के बाद सीएम भजनलाल शर्मा ने पेपर लीक के मामलों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया। एसओजी के एडीजी वीके सिंह को एसआईटी का नोडल ऑफिसर बनाया। वीके सिंह की टीम ने पेपर लीक मामलों की नए सिरे से जांच शुरू की तो सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने का खुलासा हुआ। एसओजी ने 15 ट्रेनी सब इंस्पेक्टर सहित कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
हसनपुरा जयपुर स्थित स्कूल से लीक किया गया था सब इंस्पेक्टर भर्ती का पेपर
पेपर लीक मामलों में कुख्यात आरोपी जगदीश विश्नोई को जेईएन भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले मे गिरफ्तार किया था। एसओजी ने उससे पूछताछ की तो सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 के पेपर लीक के प्रकरण का खुलासा हो गया। जगदीश विश्नोई ने एसओजी को सब कुछ बता दिया कि उसने किस तरह से पेपर को लीक किया और किन किन लोगों के जरिए पेपर को अभ्यर्थियों तक पहुंचाया। जगदीश विश्नोई ने बताया कि जयपुर के शांति नगर हसनपुरा स्थित रविंद्र बाल भारती सीनियर सैकेण्डरी स्कूल से उसने पेपर लीक किया था। इस स्कूल में सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा का सेंटर था। इस परीक्षा केंद्र का अधीक्षक राजेश खंडेलवाल के सहयोग से सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा का पेपर लीक किया गया था। 13 सितंबर को हुए पेपर लीक नहीं कर पाए लेकिन 14 और 15 सितंबर को हुए दोनों पारियों के पेपर लीक किए गए थे।केंद्राधीक्षक के ऑफिस में पहले ही छिप गया था यूनिक भांबू
जगदीश विश्नोई ने यूनिक भांबू उर्फ पंकज चौधरी के मार्फत रविंद्र बाल भारती सीनियर सेकेंडरी स्कूल शांति नगर हसनपुरा जयपुर से लीक करवाया गया था। केंद्र अधीक्षक राजेश खंडेलवाल से मिलीभगत करके स्कूल के केंद्राधीक्षक के रूम में यूनिक भांबू को पहले ही छिपा दिया था। परीक्षा शुरू होने से दो घंटे पहले पेपर परीक्षा केंद्र पर पहुंचते हैं। जब पेपर केंद्राधीक्षक के चैंबर में पहुंचे तो केंद्र अधीक्षक राजेश खंडेलवाल के ऑफिस में रखे गए और ऑफिस को दो घंटे के लिए सील कर दिया गया था। उसी कमरे में छिपे यूनिट भांबू ने लिफाफा खोलकर पेपर की फोटो खींची और जगदीश विश्नोई को वाट्सअप कर दिया। लिफाफे को बड़ी चतुराई से सील करके उस पर टेप चस्पा करके रख कर यूनिक फिर से ऑफिस में ही छिप गया। बाद में जगदीश विश्नोई ने पेपर को सॉल्व करके अलग अलग जिलों में बैठे अपने गर्गों को व्हाट्सएप कर दिया जहां उन गुर्गों के द्वारा दर्जनों अभ्यर्थियों को सॉल्व पेपर पढाया गया।10 लाख रुपए में खरीदा, करोड़ों रुपए कमा लिए
चूंकि यूनिक भांबू के मार्फत पेपर लीक करवाया गया था। ऐसे में जगदीश विश्नोई ने रविंद्र बाल भारती सीनियर सेकेंडरी स्कूल शांति नगर हसनपुरा के केंद्राधीक्षक राजेश खंडेलवाल को यूनिक भांबू के मार्फत 10 लाख रुपए दिए थे। सिर्फ 10 लाख रुपए में पेपर हासिल करके पेपर लीक माफियाओं ने करोड़ों रुपए कमा लिए। एक के बाद एक कई गुर्गों के पास सॉल्व पेपर पहुंचाया गया जहां उन गुर्गों की ओर से अलग अलग जिलों में दर्जनों अभ्यर्थियों को सॉल्व पेपर पढाया गया और उनसे लाखों रुपए वसूले गए। 13 सितंबर को परीक्षा केंद्र पर पेपर देरी से पहुंचे थे। ऐसे में वो पेपर लीक नहीं कर पाए। 14 और 15 सितंबर को दोनों दिन की दोनों पारियों में हुए पेपर को इस गैंग ने लीक किया था।सभी गैंग आपस में संपर्क में
राजस्थान में पेपर लीक की कई अलग अलग गैंग बनी हुई है लेकिन किसी भी एक गैंग के हाथ कोई एक पेपर लगता है तो वे उस पेपर को आपस में शेयर करते हैं। इसकी एवज में लाखों रुपए का लेन देन होता है। जगदीश विश्नोई की ओर से लीक किया गया सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा का पेपर अलग अलग गैंग के पास पहुंचाया गया था। वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक करने वाली गैंग के सदस्य अनिल कुमार उर्फ शेर सिंह मीणा, सुरेश ढाका और भूपेंद्र सारण को भी यह पेपर 50 लाख रुपए में बेचा गया था। 50 लाख में पेपर खरीद कर उन माफियाओं ने भी अलग अलग अभ्यर्थियों को बेच कर करोड़ों रुपए की काली कमाई कर ली।from https://ift.tt/f6VykhB
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