अभय सिंह राठौड़, लखनऊ: उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद लोकसभा सीट पर बड़ा उलटफेर हो गया है। समाजवादी पार्टी ने एसटी हसन का टिकट काटकर रुचि वीरा को उम्मीदवार बना दिया है। पूर्व विधायक रुचि वीरा सपा के कद्दावर नेता आजम खान की करीबी मानी जाती है। एसटी हसन के समर्थकों ने आजम खान पर गंभीर आरोप लगाया है। समर्थकों का कहना है कि एसटी हसन का टिकट सपा नेता आजम खान के इशारे पर काटा गया है। फिलहाल अब मुरादाबाद सीट से आजम की करीबी रुचि वीरा सपा की अधिकृत उम्मीदवार हो गई हैं। इसको लेकर मुरादाबाद के जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह ने आधिकारिक घोषणा भी कर दी है। वहीं, एसटी हसन ने नामांकन वापस लेने का ऐलान कर दिया है।
सीतापुर जेल में इस उलटफेर की लिखी गई थी कहानी
दरअसल, इस पूरे घटनाक्रम की कहानी सीतापुर जेल में शुरू हुई थी। सपा मुखिया अखिलेश यादव बीते 22 मार्च को आजम खान से मुलाकात करने सीतापुर जेल पहुंचे थे। उस मुलाकात के दौरान सपा के कद्दावर नेता आजम खान ने दो शर्तें रखी थीं, जिसमें से एक शर्त मुरादाबाद सीट से रुचि वीरा को उम्मीदवार घोषित करने की थी। रुचि वीरा आजम खान की बेहद करीबी मानी जाती हैं। साथ ही दूसरी शर्त आजम खान ने अखिलेश यादव को खुद रामपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की रखी थी, लेकिन उसके बावजूद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एसटी हसन का नाम 24 मार्च को मुरादाबाद सीट से घोषित कर दिया था।आजम खान ने जेल में रहकर अपनी ताकत दिखाई, अखिलेश भी झुके
मुरादाबाद से सांसद एसटी हसन को उम्मीदवार घोषित करने के बाद सपा के कद्दावर नेता आजम खान ने जेल में रहकर ही खेल कर दिया है। उधर, रामपुर सीट से उम्मीदवार घोषित न होने के चलते मंगलवार को रामपुर की सपा जिला इकाई ने बैठक कर दी। बैठक में रामपुर सीट से अखिलेश यादव के चुनाव न लड़ने की स्थिति में चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया। मंगलवार को जहां रामपुर का सियासी पारा बढ़ रहा था तो वहीं दूसरी ओर आजम खान की करीबी रुचि वीरा लखनऊ पहुंच गईं। रुचि वीरा ने अखिलेश से मुलाकात करने के बाद अपना सिंबल लेकर मुरादाबाद के लिए रवाना हो गईं, क्योंकि अगले दिन यानी बुधवार को नामांकन का आखिरी दिन था।एसटी हसन के नामांकन करने के कुछ घंटे बाद हुआ खेला
मंगलवार को ही समाजवादी पार्टी के पहले से घोषित उम्मीदवार एसटी हसन ने अपना नामांकन किया था, लेकिन शाम होते ही उनके टिकट पर संशय पैदा हो गया था। आजम खान की करीबी रुचि वीरा को मुरादाबाद सीट से सिंबल मिलने और घोषित उम्मीदवार एसटी हसन का टिकट कटने की सूचना मिलते ही एसटी हसन के करीबी समर्थकों ने रुचि वीरा के खिलाफ नारेबाजी करनी शुरू कर दी थी। फिलहाल बुधवार को रुचि वीरा के नामांकन करने के बाद मुरादाबाद की पूरी तस्वीर साफ हो गई है। आजम खान की करीबी एवं पूर्व विधायक रुचि वीरा समाजवादी पार्टी की अधिकृत प्रत्याशी हो गईं।मुरादाबाद सीट से टिकट काटने के बाद बोले एसटी हसन
टिकट कटने के बाद सपा सांसद एसटी हसन ने कहा कि टिकट होना या न होना वो एसटी हसन की शख्सियत को खत्म नहीं कर सकता है। जो आइडियोलॉजी हमारी है, वो आइडियोलॉजी मुलायम सिंह यादव की थी और जो आइडियोलॉजी अखिलेश यादव जी की है, हम उसी के साथ हैं। एसटी हसन ने कहा कि मैं मुस्लिम वर्ग से आता हूं। अखिलेश ने ही मुझे पार्लियामेंट भेजा था। उन्होंने कहा कि अब सपा के उम्मीदवार नहीं हैं। अपना पर्चा वापस लेंगे। इसके साथ ही एसटी हसन ने कहा कि जब एक बार टिकट दे चुके थे तो कोई कारण तो नहीं था। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ही बेहतर बता पाएंगे कि टिकट क्यों काटा गया है। सपा नेता ने कहा कि अखिलेश पार्टी के नेता हैं, जिसको चाहें लड़ाएं, जिसको चहें न लड़ाएं।एसटी हसन का टिकट कटवाने वाले आजम कभी करीबी हुआ करते थे
उधर, जानकारों की मानें तो एक समय था, जब मुरादाबाद से सांसद एसटी हसन आजम खान के करीबियों में से एक थे। मुरादाबाद से मेयर होने के दौरान ही आजम खान ने एसटी हसन को लोकसभा का टिकट दिलाया था, लेकिन सपा के कद्दावर नेता आजम खान के जेल जाने के बाद एसटी हसन सपा मुखिया अखिलेश यादव के करीबी हो गए थे। इतना ही नहीं आजम की गैर मौजूदगी में एसटी हसन पार्टी में मुस्लिमों के बड़े नेताओं की लिस्ट में शुमार हो गए थे। इसी क्रम में सपा मुखिया ने एसटी हसन को लोकसभा में पार्ट संसदीय दल का नेता भी बना दिया था। आजम खान इससे भी नाराज हो गए थे। एसटी हसन को टिकट मिलने के बाद आजम के करीबियों ने नाराजगी भी जाहिर की थी। जिसके बाद इतना बड़ा फेरबदल हो गया है। ये उलटफेर आजम खान के इशारे पर हुआ है ऐसे आरोप लग रहे हैं।from https://ift.tt/PEkxG7W
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