कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी ने जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर के लोगों से रविवार को मानवता की खातिर शांति कायम करने की अपील की। उन्होंने मणिपुर के लोगों के साथ खड़े होने का आश्वासन भी दिया। ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, 'मणिपुर की हृदय विदारक कहानियां सुनकर मेरा दिल बहुत दुखता है। इंसानों को कभी भी नफरत के क्रूर प्रयोगों की पीड़ा नहीं सहनी चाहिए। फिर भी, सत्ता में बैठे लोगों की चुप्पी के सामने, हमें यह जानकर सांत्वना मिलनी चाहिए कि 'इंडिया' घावों को भर देगा और मानवता की लौ को फिर से जगाएं।' विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार से दो दिनों के लिए मणिपुर का दौरा किया। गठबंधन में टीएमसी भी शामिल है। उन्होंने कहा, 'मैं मणिपुर के बहादुर भाइयों और बहनों से मानवता की खातिर शांति अपनाने का आग्रह करती हूं। हम आपके साथ खड़े हैं, अटूट समर्थन और करुणा की पेशकश कर रहे हैं।' मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। पूर्वोत्तर राज्य की आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे ज्यादातर पर्वतीय जिलों में रहते हैं।
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